ICICI बैंक की संपत्ति कुर्क करने के आदेश
Order To Confiscate ICICI Bank’s Assets नमस्कार दोस्तों : ICICI बैंक भारत के प्रमुख निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक है, जिसे 1994 में स्थापित किया गया था। बैंक ने वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में व्यापक विकास किया है और विभिन्न प्रकार की सेवाएँ प्रदान करता है। ICICI बैंक द्वारा संपत्ति कुर्क करने के आदेश आमतौर पर उन उधारकर्ताओं के खिलाफ होते हैं जिन्होंने अपने ऋण का भुगतान समय पर नहीं किया है।
ICICI बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान आमतौर पर इस प्रक्रिया का पालन करते हैं ताकि वे अपने बकाया ऋण की वसूली कर सकें।
सेवाएँ: ICICI बैंक विभिन्न प्रकार के बैंकिंग उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करता है, जैसे व्यक्तिगत ऋण, गृह ऋण, ऑटो लोन, बचत खाता, चालू खाता, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, और विभिन्न निवेश योजनाएँ।
डिजिटल बैंकिंग: ICICI बैंक ने डिजिटल बैंकिंग में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसमें मोबाइल बैंकिंग ऐप, इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम सेवाएँ शामिल हैं। ग्राहक अपने खाते की जानकारी, लेनदेन, और अन्य सेवाओं का उपयोग आसानी से कर सकते हैं।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड: बैंक विभिन्न प्रकार के क्रेडिट और डेबिट कार्ड प्रदान करता है, जो ग्राहकों को विभिन्न लाभ और छूट का आनंद लेने की सुविधा देते हैं।
विदेशी मुद्रा और अंतरराष्ट्रीय सेवाएँ: ICICI बैंक विदेशी मुद्रा एक्सचेंज, एनआरआई सेवाएँ और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेवाएँ भी प्रदान करता है।
ग्राहक सेवा: बैंक ग्राहकों के लिए 24×7 ग्राहक सेवा उपलब्ध कराता है, जिसमें कॉल सेंटर और ऑनलाइन सहायता शामिल हैं।
नवाचार: ICICI बैंक ने तकनीकी नवाचारों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग शामिल है।
ऐसे मामलों में, बैंक निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन कर सकता है:
- सूचना और चेतावनी: बैंक पहले उधारकर्ता को उनके बकाया लोन के बारे में सूचना देता है और उन्हें भुगतान करने के लिए एक निश्चित समय सीमा प्रदान करता है। यदि उधारकर्ता फिर भी भुगतान नहीं करता है, तो अगला कदम उठाया जाता है।
- संपत्ति कुर्की का आदेश: यदि बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बैंक संबंधित प्राधिकृत अधिकारियों से संपत्ति कुर्क करने का आदेश प्राप्त कर सकता है। यह प्रक्रिया SARFAESI अधिनियम के अंतर्गत की जाती है।
- वसूली एजेंसियों का उपयोग: बैंक जरूरत पड़ने पर वसूली एजेंसियों को भी शामिल कर सकता है, जो बकाया राशि की वसूली के लिए प्रयास करती हैं।
- निवेश का निष्कासन: संपत्ति कुर्क होने पर, बैंक संबंधित संपत्ति की नीलामी कर सकता है ताकि बकाया लोन की वसूली की जा सके। नीलामी की प्रक्रिया नियमों और शर्तों के अनुसार की जाती है।
- कानूनी कार्रवाई: यदि उधारकर्ता संपत्ति को कुर्क करने के खिलाफ अपील करना चाहता है, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।
- निष्कर्ष
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Note :-
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