क्रम संख्या |
विषय |
लेखक/वर्ष |
जर्नल एवं पेजों के नाम |
1 |
ललितपुर जिला, उत्तर प्रदेश के ग्रेनेटिक टेर्रिन में भूजल टार्गेटिंग के कुछ परिणाम |
डी.मिश्रा अप्रैल, 1986 10 सितंबर 1986 |
जर्नल एसोसिएशन एक्सप्लोरेशन जियोफिजिक्स वॉल्यूम VII, नंबर 2 पेज 99-108 हिन्दुस्तान टाईम्स, पीटीआई में हाईलाइटेड साइंस सर्विस 9 सितंबर 1986 |
2 |
मौरानीपुर क्षेत्र, झांसी जिला, उत्तर प्रदेश के हिस्सों में भूजल संसाधन के विकास हेतु जियो-मॉर्फोलॉजिकल एवं हाईड्रो जियोलॉजिकल में रिमोट सेंसिंग की एप्लीकेशन |
राजीवा मोहन, डी मिश्रा, ईटी. एएल.Rajiva Mohan, D. Mishra, et.al. |
आईएसआरएस, अहमदाबाद द्वारा आर.एस इन जियोलॉजी पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन |
3 |
बुंदेलखंड रीजन, उत्तर प्रदेश के भूजल स्त्रोत हिस्सों का विकास एवं उपयोग |
हीरा सिंह, डी. मिश्रा मार्च, 1987 |
मार्च, 87, विज्ञान भवन, नई दिल्ली में भारतीय जल कांग्रेस की कार्यवाही का आयोजन |
4 |
जिला ललितपुर, उत्तर प्रदेश के दक्षिण केंद्रीय हिस्से में भूजल हेतु रिमोट सेंसिंग एवं जियो एल्केट्रिक इंवेस्टीगेशन |
डी मिश्रा, हीरा सिंह एवं एम.बी.एस.राव, जनवरी 1990 |
जर्नल एसोसिएशन एक्स्पोलरेशन जियोफिजिक्स वाल्यूम XI, नंबर. 1, पेज 717 -28 |
5 |
जिला ललितपुर, उत्तर प्रदेश के दक्षिण केंद्रीय हिस्से में भूजल इंवेस्टीगेशन हेतु रिमोट सेंसिंग एवं रेसिस्टिविटी सर्वेक्षण |
डी.मिश्रा, जनवरी, 1990 |
एईजी जर्नल |
6 |
महोबा, हमीरपुर जिला, उत्तर प्रदेश के आसपास भूजल इंवेस्टीगेशन |
डी.मिश्रा, जनवरी, 1991 |
एईजी जनर्नल |
7 |
झांसी, उत्तर प्रदेश के आसपास क्रिस्टलाईन में पानी के कुंए के स्थानों हेतु प्रतिरोधकता प्रोफाइलिंग एवं साउंडिंग |
डी.मिश्रा, डीय 5-7., 1990 |
एईजी, देहरादून के 16 वार्षिक सम्मेलन |
8 |
रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल बांदा शहर के आसपास हाईड्रोजियोमॉर्फिक की पहचान एवं आकलन |
डी.मिश्रा, 11-12 दिसंबर, 1990 |
भूजल जांच, लखनऊ पर ऑल इण्डिया सेमिनार |
9 |
झांसी नगर पालिका क्षेत्र, जिला झांसी, उत्तर प्रदेश में भूजल हेतु जियोएलिक्ट्रिकल जांच |
डी.मिश्रा, एवं एम.बी.एस. राव |
“हाईड्रोलॉजी” 28-30 अगस्त पर सेमिनार में प्रस्तुत |
10 |
बुंदेलखंड क्षेत्र, उत्तर प्रदेश में क्वार्ट्ज़ रीत एज ए हाईड्रोलॉजिकल फैक्टर-ए केस स्टडी फ्रॉम हार्ड रॉक टेर्रिन |
राव, एम.बी.एस. मोहन, राजीव एवं मिश्रा, डी. |
“हाईड्रोलॉजी” पर सम्मेलन में प्रस्तुत 28-30 अगस्त |
11 |
हमीरपुर जिला, उत्तर प्रदेश के हिस्से में ग्राउंड वॉटर एक्स्प्लोरेशन |
डी.मिश्रा, एवं एम.बी.एस. राव |
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12 |
पाहुज बेसिन बुंदेलखंड रीजन, उत्तर प्रदेश के हिस्सों में हाईड्रोलॉजिकल स्थितियों के आकलन हेतु रिमोट सेंसिंग अध्ययन |
एम.बी.एस. राव एवं डी.मिश्रा, |
एईजी सम्मेलन बड़ोदा पर प्रस्तुत |
13 |
दूशन बेसिन, उत्तर प्रदेश के हिस्सों में भूजल इंवेस्टगेशन हेतु रिमोट सेंसिंग अध्ययन |
एम.बी.एस. राव, पी कुमार एवं डी मिश्रा |
हाईड्रोलॉजी रुड़की पर राष्ट्रीय सम्मेलन |
14 |
मनिकपुर मारकुंडी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश के सेडीमेंटरी रॉक में हाईड्रोजियोलॉजिकल स्थितियों के आकलन हेतु रिमोट सेंसिंग तकनीक |
डी मिश्रा, एम.बी.एस राव, एवं ए जयराम |
जकारता, इंडोनेशिया में रिमोट सेंसिंग की एशियन कांफ्रेसं हेतु एब्स्ट्रैकट की स्वीकृति |
15 |
बांदा शहर, उत्तर प्रदेश के आसपास भूजल हेतु रिमोट सेंसिंग एवं जियोएलिक्ट्रिकल इंवेस्टीगेशन |
डी.मिश्रा, एवं एम.बी.एस. राव |
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16 |
बुंदेलखंड क्षेत्र, उत्तर प्रदेश में नगरीय जलापूर्ति हेतु रिमोट सेंसिंग एवं जियोफिजिकल अध्ययन |
डी. मिश्रा एं वीजी. गनवीर |
यूपी नगरीय क्षेत्र में कंजर्वेशन एण्ड रेग्यूलेशन ऑफ ग्राउंड वॉटर रिसोर्सेज पर राष्ट्रीय सम्मेलन |
17 |
अप्रोच टू डेमाक्रेट पोटेंशियल जोन्स इन हर्राई सब वॉटरशेड, मिर्जापुर डिस्ट्रिक्ट, यू.पी., थ्रू रिमोट सेंसिंग, जियो इलेक्ट्रिकल एण्ड जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम |
अमरेश कुमार सिंह. एस. रवि प्रकाश एवं देवेंद्र मिश्रा |
अहमूदाबाद, 2003 में आई.एस.के.एस का आय़ोजन |
18 |
चंद्रप्रभा वॉटरशेड, यूपी के हिस्सों में भूजल पोटेंशियल जोनों के डेलिनिएशन हेतु रिमोट सेंसिंग, जियोएलिक्ट्रिकल एवं जीआईएस तकनीक का एकीकरण |
अमरेश कुमार सिंह, एस. रवीप्रकाश एवं डी.मिश्रा |
गोवा एईजी-2000 में प्रस्तुत |
19 |
एकीकृत अध्ययन या रिमोट सेंसिंग, जियोएलिक्ट्रिकल एवं जीआईएस तकनीकों का इस्तेमाल कर बखर सब वॉटरशेड मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिला, उत्तर प्रदेश के ऊपरी हिस्से में ग्राउंड वॉटर पोटेंशियल जोन का डिलीनेशन techniques. |
अमरेश कुमार सिंह, देवेंद्र मिश्रा, एस.रवीप्रकाश एल.आई.एम राव |
कानपुर (नवंबर 21-22)उत्तर प्रदेश में आईएसआरएस-2000 में प्रस्तुत |
20 |
बारखा वॉटरशेड, सोनभद्रा जिला, उत्तर प्रदेश, भारत में ग्राउंडवॉटर एक्स्प्लोरेशन हेतु रिमोट सेंसिंग, जीआईएस एवं जियोएलेक्ट्रिकल विधि का एकीकृत अध्ययन या रिमोट सेंसिंग |
एस. रवीप्रकाश, अमरेश कुमार सिंह, डी.मिश्रा एवं एल.आई.एम राव |
आईसीओआरजी-2001, हैदराबाद (फरवरी 2-4 आंध्र प्रदेश) में प्रस्तुत |
21 |
रिमोट सेंसिंग एवं जियोएलेक्ट्रिकल टेक्नीक का इस्तेमाल कर सब वॉटरशेड, मिर्जापुर जिला (उत्तर प्रदेश) में हर्राई का ग्राउंडवॉटर अप्रेजल |
ए.के. सिंह, डी. मिश्रा एवं जे.बी. श्रीवास्तव |
भुव्नेश्वर, उड़िसा में आईएसआरएस-2000 के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत |
22 |
रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र के आसपास क्षेत्र के ग्राउंडवॉटर क्षमता के आकलन हेतु रिमोट सेंसिंग एवं जियोफिजिकल अध्ययन की एक संयुक्त रणनीति |
ए.के. सिंह, पी.कौर एवं डी. मिश्रा |
आईएसआई के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत {एस-1999 |
23 |
रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल कर लोनी एवं सकारानी कैचमेंट, प्रतापगढ़, वी.पी. के आसपास एवं सॉल्ट प्रभावित क्षेत्रों का अस्थायी आकलन |
पी.के. किनॉट, आर.खन्ना, ए.के. श्रीवास्तव एवं डी.मिश्रा |
अक्टूबर में ए.एम.यू. में राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत |
24 |
पनवाड़ी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश में ग्राउंडवॉटर एक्सप्लोरेशन हेतु रिमोट सेंसिंग एवं जियोफिजिकल |
डी. मिश्रा एवं एस.रवी प्रकाश |
आईएसआरएस 1996 विभागीय रिपोर्ट में प्रस्तुत |
25 |
खरेला क्षेत्र, हमीरपुर जिला, उत्तर प्रदेश, भारत में रीजनल हाईड्रोजियोमॉर्फोलॉजिकल मैपिंग हेतु डिजिटली एनहेन्स्ड आईआरएस-1A एलआईएसएस II डाटा की एप्लीकेशन्स |
एस.रवि प्रकाश |
स्त्रोत आकलन में वीडियोग्राफी एवं कलर फोटोग्राफी पर 16वें बायनियल कार्यशाला में प्रस्तुत। आयोजन: एएसपीआरएस द्वारा अप्रैल 29-मई-1, 1997 वेस्लाको, टेक्सासस यू.एस.ए. में |
26 |
सेटलाइट डाटा का इस्तेमाल कर पनवारी क्षेत्र, हमीरपुर जिला, उत्तर प्रदेश की हाईड्रोमॉर्फोजियोलॉजिकल मैपिंग |
एस.रवी प्रकाश एवं राजीवा मोहन |
इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग का जर्नल, वॉल्यूम 24, नंबर 2, जून 96 |
27 |
पर्वाड़ा क्षेत्र, विशाखापट्नम जिला, आंध्र प्रदेश में केमिकल पैरामीटर द्वारा सॉल्ट वॉटर कन्टेमिनेशन जोन के डेलिनेशन |
एस.रवी प्रकाश एवं जी.ग्रिश्नन रॉव |
इण्डियन वॉटर रिसोर्सेज सोसाइटी वॉल्यूम 2 नंबर 2 अप्रैल’ 96 का जर्नल |
28 |
झांसी जिला, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में घरेलू एवं सिंचाई संबंधी प्रयोजनों हेतु भूजल के उपयुक्तता |
एस. रवी प्रकाश ईटी.एएल. |
बीएचयू-जल नेवस, मार्च’ 95 |
29 |
परावाड़ा क्षेत्र, विशाखापटनम जिला, आंध्र प्रदेश के भूजल की गुणवत्ता |
एस. रवी प्रकाश एवं जी.कृष्णा राव |
भूजल नेवस, जून’ 94 |
30 |
रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल कर बेतवा वॉटरशेड जानौन जिला के बाएं तट में लैण्ड एवं जल संसाधनों के सतत विकास हेतु इंटीग्रेटेड अप्रोच। |
एस.रवी प्रकाश ईटी.एएल |
मार्च 2000 में भुव्नेश्वर में आईएसआरएस सम्मेलन में प्रस्तुत |
31 |
चंद्र प्रभा वॉटरशेड, यू.पी. हिस्सों में ग्राउंडवाटर पोटेंशियल जोन के डेलीनेशन हेतु रिमोट सेंसिंग, जियो-एलेक्ट्रिकल एवं जीआईएस तकनीक का एकीकरण |
एस. रवी प्रकाश ईटी.एएल |
गोवा, 8-10 नवंबर, 2000 को गोवा में एक्स्प्लोरेशन जियोफिज़िस्ट्स सिम्पोजियम के एसोसिएशन में प्रस्तुत |
32 |
रिमोट सेंसिंग, जियो-एलेक्ट्रिकल एवं जीआईएस तकनीकों का एकीकृत अध्ययन का इस्तेमाल कर बखर वॉटरशेड, मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिला, उत्तर प्रदेश में भूजल क्षमता का डेलिनेशन |
एस.रवी प्रकाश ईटी एएल |
आईआईटी, कानपुर में 21-22 नवंबर, 2000 में नैचुरल हजार्ड मैनेजमेंट, आईएसआरएस हेतु स्पाटियल टेक्नोलॉजीज़ पर वार्षिक सम्मेलन और संगोष्ठी में प्रस्तुत |
33 |
रिमोट सेंसिंग, जियो-एलेक्ट्रिकल एवं जीआईएस. का इस्तेमाल कर चंद्रप्रभा सब-वॉटर शेड, उत्तर प्रदेश का ग्राउंड वॉटर पोटेंशियल मॉडलिंग। मैप इंडिया, 2002 की पांचवें वार्षिक कांफ्रेंस में प्रस्तुत। |
अमरेश कुमार सिंह, एस. रवी प्रकाश, डी.मिश्रा एवं समरेंद्र सिंह |
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34 |
मैनपुरी जिला, उत्तर प्रदेश के ग्राउंड वॉटर रिसोर्सेज एस्टीमेशन एण्ड वॉटर लेवल ट्रेंड एनालिसिस इन (1995 से 2000) सोडिक लैण्ड रीक्लेमेशन एरियाज |
एस. रवी प्रकाश, नुरुल हसन एवं आलोक माथुर ईटी.एएल |
यू.पी.सी.ए. द्वारा 2004 में भारत में आयोजित प्रेजेंटेड इन इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन सस्टेनेबल मैनेजमेंट ऑफ सोडिक लैण्ड्स |
35 |
गेंगेटिक प्लेन्स, उत्तर प्रदेश, भारत के हिस्सों में सोडिक लैण्ड में सिंचाई प्रयोजन हेतु भूजल गुणवत्ता के विस्तृत आकलन |
नुरुल हसन, एस.रवी प्रकाश, समरेंद्र सिंह, अली हुसैन, प्रियकान्त एवं रंजन सिंह |
भारत में 2004 में यू.पी.सी.ए.आर द्वारा आयोजित सोडिक लैण्ड्स के सतत विकास पर अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत |
36 |
हरदोई एवं रायबरेली जिला, उत्तर प्रदेश, भारत के हिस्सों में सोडिक लैण्ड रीक्लेमेशन के कारण भूजल की स्वायल प्रोफाईल के माध्यम से सॉल्ट का ऊर्ध्वाधर आंदोलन |
अली हुसैन, एस.रवी प्रकाश, अलोक माथुर, नूरल हसन, समरेंद्र सिंह, अरविंद माथुर एवं एल.आई.एम.राव |
यू.पी.सी.ए.आर द्वारा 2004 में भारत में सस्टेनेबल मैनेजमेंट ऑफ सोडिक लैण्ड्स पर अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत। |
37 |
उत्तर प्रदेश में सोडिक लैण्ड्स की रीक्लेमेशन के कारण भूजल गुणवत्ता में अस्थायी परिवर्तन |
एस.रवी प्रकाश, रंजन सिंह, अरविन्द माथुर, अली हुसैन एवं नूरुल हसन |
यू.पी.सी.ए.आर. द्वारा 2004 में भारत में आयोजित सस्टेनेबल मैनेजमेंट ऑफ सोडिक लैण्ड्स पर अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत |
38 |
स्पाटियल एण्ड टेम्परल वैरिएशन्स इन ग्राउंड वॉटर लेवर-जिला मैनपुरी, उत्तर प्रदेश, भारत के हिस्सों का जीआईएस आधारित अध्ययन |
एल.आई.एम.राव, प्रियाकांत, नुरूल हसन, डी.के. शर्मा एवं एस.रवी प्रकाश |
यू.पी.सी.ए.आर द्वारा 2004 में भारत में सस्टेनेबल मैनेजमेंट ऑफ सोडिक लैण्ड्स पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत |
39 |
गोरल ब्लॉक, जिला सोनभद्र, उत्तर प्रदेश, भारत में भूजल क्षमता जोन की पहचानहेतु जीआईएस द्वारा थीमेटिक मैप्स का एकीकरण . |
अमरेश कुमार सिंह, एवं एस.रवी प्रकाश, डी.मिश्रा एवं वी.जे. गनवीर |
गोवा, भारत में आयोजित आई.एस.आर.एस में प्रस्तुत। |
40 |
रिमोट सेंसिंग द्वारा हर्राई सब-वॉटरशेड, मिर्जापुर जिला, उत्तर प्रदेश में डेमीक्रेट भूजल क्षमता जोन हेतु अप्रोच। जियोएलेक्ट्रिकल एवं जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम |
अमरेश कुमार सिंह, एस. रवी प्रकाश एवं देवेंद्र मिश्रा |
अहमदाबाद, भारत में 2003 में आई.एस.आर.एस सम्मेलन में प्रस्तुत |
41 |
मिर्जापुर जिले, उत्तर प्रदेश, भारत के सिटी ब्लॉक में रिमोट सेंसिंग, जियोएलेक्ट्रिकल एवं जी.आई.एस. तकनीक के द्वारा भूजल क्षमता जोन के डेलीनेशन हेतु एकीकृत अप्रोच |
अमरेश कुमार सिंह एवं एस. रवी प्रकाश |
हैदराबाद, भारत में 2002 में संसाधनों एवं पर्यावरणीय अनुश्रवण की अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत |
42 |
रिमोट सेंसिंग एवं जियो-एलेक्ट्रिकल टेक्नीक्स का इस्तेमाल कर ओझाला सब वॉटरशेड, मिर्जापुर जिला, उत्तर प्रेदश में भूजल क्षमता जोन का वर्णन |
अमरीश कुमार सिंह एवं एस.रवी प्रकाश |
विशाखापटनम, भारत, 2003 में ऑल इण्डिया सम्मेलन का आयोजन में प्रस्तुत |
43 |
रिमोट सेंसिंग, जियोफिजिकल एवं जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम तकनीकों के एकीकरण के माध्यम से मरीहन ब्लॉक मिर्जापुर जिला (उत्तर प्रदेश), के भूजल क्षमता का मूल्यांकन को अप्रोच |
अमरेश कुमार सिंह एवं एस.रवी प्रकाश |
2003, तिरुवनंतपुरम में रिसोर्स मैनेजमेंट विद स्पेशल रिफरेंस टू जियो-इंफॉर्मेटिक्स एण्ड डीसेंट्रलाइज्ड प्लानिंग आईएसपीआरएसडब्लूजीVII 13 पर राष्ट्रीय सम्मेलन, इंडीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम्स एण्ड आईएसआरएस एनुअल कन्वेन्श पर कार्यशाला में प्रस्तुत |
44 |
ओझाला सब-वॉटर शेड, मिर्जापुर जिला, उत्तर प्रदेश, भारत के भूजल क्षमता के मूल्यांकन हेतु रिमोट सेंसिंग, जियोफिजिक्स एवं जीआईएस का एकीकृत |
अमरीश कुमार सिंह एवं एस. रवी प्रकाश |
मैप इण्डिया सम्मेलन में प्रस्तुत, 26-31, जनवरी, 2003 |
45 |
बरखा वॉटर शेड, सोनभद्र जिला, उत्तर प्रदेश, भारत हेतु रिमोट सेंसिंग, जीआईएस एवं जियोएल्ट्रिकल का एकीकृत अध्ययन |
एस.रवी प्रकाश, अमरेश कुमार सिंह, डी.मिश्रा एवं एल.आई.एम राव |
हैदराबाद, 2001 में आयोजित स्पाटियल इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी रिमोट सेंसिंग एण्ड जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम्स पर आईसीओआरजी सम्मेलन |
46 |
भूजल क्षमता जोन की पहचान हेतु जीआईएस के माध्यम से थीमेटिक मैप्स का एकीकरण |
अमरेश कुमार सिंह एवं एस. रवी प्रकाश |
नई दिल्ली, 28-31 जनवरी, 2004 में आयोजित मैप इंडिया इंटरनेशनल कार्यशाला_2004 |
47 |
टेर्रा-1 एमओडीआईएस डाटा का इस्तेमाल कर सर-सर्फेस वॉटर लॉगिंग की पहचान |
के.श्रीनिवास, आर.एस. द्विवेदी, ए.एन.सिंह, एस.रवी प्रकाश |
इंडियन सोसाइटी रिमोट सेंसिंग के जर्नल का प्रकाशन (मार्च, 2010) 38: 119-132. |
48 |
जिला हमीरपुर(उत्तर प्रदेश) भारत के करकोरम नाला वॉटरशेड में ग्राउंड वॉटर प्रोस्पेक्ट के ऑप्टिकल एवं माईक्रोवेव रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस तकनीक आधारित अध्ययन |
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आई.आई.टी, कानपुर में प्रस्तुत |