आरएसएसी – यूपी का कृषि संसाधन प्रभाग मल्टी टेम्पोरल व मल्टी स्पेक्ट्रल डाटा का प्रयोग करते हुए तथा डिजिटल व दृश्य व्याख्या प्रौद्योगिकी के साथ फसलों के आंकलन व निगरानी कार्य में प्रभावी रूप से संलिप्त रहा है | प्रभाग की मुख्य गतिविधि कृषि पूर्व क्षेत्रफल तथा अनुमानित उत्पादन के फ़सलवार आंकड़े यथा गेहूं, धान, सरसों, आलू, गन्ना एवं रबी की दलहन, प्रदान करना है | प्रत्येक फ़सली सीज़न के आंकड़े उपयोगकर्ता विभागों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं | प्रभाग की अन्य गतिविधियों में बड़े बगीचों यथा आम, आँवला तथा अमरूद के क्षेत्र का आंकलन करना व रेशम कीट पालन के विकास का अध्ययन करना, खेती की पद्धति का विश्लेषण, फ़सली नुकसान के आंकलन का अध्ययन करना, फ़सल स्थिति आंकलन का अध्ययन करना आदि सम्मिलित हैं | प्रभाग ने एक वेब पोर्टल भी निर्मित किया है जो फसलों के अवशेष जलाए जाने पर संबन्धित अधिकारी व संबन्धित जिलाधिकारी को त्वरित सूचना प्रदान करता है | एक मोबाएल एप्प भी विकसित की गई है जिससे कृषक द्वारा आलू के भडारण हेतु निकटतम शीतगृह की स्थिति तथा उस तक पहुँचने का मार्ग भी पता लगाया जा सकता है | प्रभाग ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर की बहुत सी परियोजनाओं यथा भू-उपयोग मानचित्रण, उत्तर प्रदेश की नमक प्रभावित मृदा, उत्तर प्रदेश (उत्तराखंड को सम्मिलित करते हुए) के वृहद जल-प्रभावित भाग के वर्गीकरण, टिहरी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में मृदा अध्ययन, बंजर भूमि मानचित्रण, ग्लोबल वार्मिंग के मापन हेतु मीथेन गैस के स्तर का अध्ययन, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल व झारखंड के कुछ भागों के मरूस्थलीकरण स्तर का अध्ययन को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है | प्रभाग ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों व राष्ट्रीय संस्थानों यथा एनआरएसए- हैदराबाद, एसएसी-अहमदाबाद, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग, तथा भारत सरकार व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ बहुत सी परियोजनाओं में सहयोग किया है | प्रभाग अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों यथा विश्व बैंक, जेआईसीए तथा ईईसी द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं के साथ भी जुड़ा रहा है |
फसल (अंतरिक्ष, कृषि-मौसम विज्ञान और भूमि आधारित टिप्पणियों का उपयोग करके कृषि उत्पादन का पूर्वानुमान)
- चमन परियोजना , एस ए सी अहमदाबाद द्वारा प्रायोजित
- फोडर फसल आंकलन परियोजना, एस ए सी अहमदाबाद द्वारा प्रायोजित
- रिमोट सेन्सिंग व जी आई एस प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए फ़सली भूमि के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में नहर सिंचाई व्यवस्था का प्रभाव, फसलों की गहनता व उत्पादकता की निगरानी - विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित
- रिमोट सेन्सिंग तथा जी आई एस प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी रेशम कीट पालन केन्द्रों का अद्यतन – उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पारोजित
- उत्तर प्रदेश के मथुरा, रामपुर, बिजनौर, कुशीनगर तथा गोरखपुर जनपदों में बागवानी फसलों के क्षेत्र की गणना व मानचित्रण – उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित
- रिमोट सेन्सिंग व जी आई एस तकनीक का प्रयोग करते हुए ब्लाक स्तर पर आलू की कृषि के क्षेत्र का आंकलन – उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित
- फसलों के अवशेष का जलना एवं प्रबंधन प्रणाली परियोजना – राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा प्रायोजित